ख्वाबों की रानी
वो बला सी खूबसूरत, ख्वाबों की रानी है थोड़ी नटखट, थोड़ी मासूम, थोड़ी सी सयानी है। 'सुमन' सा चेहरा, खुशबु सा बदन उसका मोहब्बत की मूरत वो थोड़ी सी दिवानी है। आँखे नशीली, होंठ रसीले और खाक करता हुश्न नाजुक सा बदन उसका उफ् क्या मदमस्त जवानी है। चाहत की अंगड़ाई लेती फिर पलटकर मुस्कुराती है बाहों में है जन्नत उसके वो नजरों से शर्माती है। सपनों में करती है मुझसे प्यारी-प्यारी बातें मेरे सोये रहने के पिछे बस इतनी सी कहानी है।
सोने की ईच्छा हो रही है ;)
- पà¥à¤°à¥à¤·à¤ पंकज बेंगाणी | 9/27/2006 04:21:00 pm