दो क्षणिकाएँ
(1)
सड़क किनारे
पत्थर की दिवार
जिसके निचे लेटा
अपंग/अंधा/भूखा/लाचार
और पास से गुजरते
पत्थरदिल इंसान ॰॰॰
(2)
वृक्ष के किनारे लेटा
भूख से बिलखता बालक
पास ही
बदहाल;फटेहाल
मजदूरी करती
माता ॰॰॰
« मà¥à¤à¥à¤¯ पà¥à¤·à¥à¤ | कुछ हाइकु ॰॰॰ »
(1)
सड़क किनारे
पत्थर की दिवार
जिसके निचे लेटा
अपंग/अंधा/भूखा/लाचार
और पास से गुजरते
पत्थरदिल इंसान ॰॰॰
(2)
वृक्ष के किनारे लेटा
भूख से बिलखता बालक
पास ही
बदहाल;फटेहाल
मजदूरी करती
माता ॰॰॰