मेरा भारत महान है ...
दिल दरिया, आँख समन्दर है होठ प्यासे पंहुच से दूर है ... ठोकर पे जहाँ, हाथ में कृपाण हसीं अदाऎ, गरदन पे तलवार है ... रात अंधेरी, घनी जुल्फों का साया अंधा नौजवान, उजाले की तलास है ... खुबसुरत गाल, मनमोहनी मुस्कान पागल दीवाने, मरने को बेकरार है ... मटकती कमरिया, मदहोश चाल गांधी का देश, गौधो का तबेला है ... मुँह मे पाउच, आसमान मे छल्ला सिगरेट;तम्बाकु, जैब मे जहान है ... ठेके की दुकान, हर एक विद्वान चिल्लाके कहता, दुश्मन पाकिस्तान है ... नारी, मदिरा, सिगरेट, तम्बाकु भारतिय नर, बहुत बुरा हाल है ... गन्ने कि दुकान, बातो में मिठास चिपका जोंक, नमक की दरकार है ... पुरूष-नशा, नारी-दुर्दशा, बच्चे-पैमाने बिकती लड़कियाँ, मेरा भारत महान है ...
nice....
- पà¥à¤°à¥à¤·à¤
बेनामी |
8/19/2006 11:53:00 am
Wah Giriraj ji .. man gaye aapko .. kya sudhh hindi ka prayog karte hian aap.
- पà¥à¤°à¥à¤·à¤
बेनामी |
8/24/2006 09:44:00 pm