छुआछुत ॰॰॰
बहा दी थी उसने सारी गंदगी गंदे नाले में जहां से बहकर पंहुच गई वो गंगा मे आज उसी के छु जाने से हो गया मैं अपवित्र तो किया गया मुझे पुनः पवित्र चंद छिंटे मेरे बदन पर डालकर उसी गंगाजल के ॰॰॰
« मà¥à¤à¥à¤¯ पà¥à¤·à¥à¤ | मेरा भारत महान है ... »
बहा दी थी उसने सारी गंदगी गंदे नाले में जहां से बहकर पंहुच गई वो गंगा मे आज उसी के छु जाने से हो गया मैं अपवित्र तो किया गया मुझे पुनः पवित्र चंद छिंटे मेरे बदन पर डालकर उसी गंगाजल के ॰॰॰