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दिल के चंद सवाल ...

कल उसने मुझसे पुछा कि मेरा कर्म क्या है ...? मेरी जीत क्या है ...? मेरी हार क्या है ...? क्यूं बिछा रखी है चारो तरफ़ ये रक्षक पंक्तियां अपनी धरा से इतना प्यार क्यूं है ...? दूलार क्यूं है ...? यह गीता क्यूं है ...? कुरान क्यूं है ...? धर्म के नाम पर संग्राम क्यूं है ...? हां कल उसने पूछा वह सुमन कहां है ...? यहां सहरा क्यूं है ...? बारिश के इंतजार मे माली उदास क्यूं है ...? कल तक हुआ करता था जो तेरे पास खुशीयों का वो गुर कहां है ...? प्रित कहां है ...? वो मनमीत कहां है ...? कल उसने मुझसे पुछा जो करता था कल तक रोशन सबको वो दीपक कहां है ...? वो ज्योती कहां है ...? वो सूर्य कहां है ...? वो प्रकाश कहां है ...? सारी दूनियां मे अपने पराक्रम के झंडे गाड़ने वाला वो अशोक कहां है ...? चंद छिंटे डालकर भष्म कर देने वाला वो योगी कहां है ...? वो जोगी कहां है ...? हां कल उसने मुझसे पुछा कि जिसकी भिन्नी-भिन्नी गंध पाकर खिलते थे सुमन वो माटी कहां है ...? वो पवन कहां है ...? तु इतना चुपचाप क्यूं है ...? मेरे सवालो से परेशान क्यूं है ...? क्या छुपा रखा है इन सब को तुमने ही कहीं या फ़िर तु भी बेबस है लाचार है उसके सवालो के नुकिले तीर बार-बार मेरी आत्मा को छलनी कर रहे थे मगर मैं क्या कर सकता था मेरे पास नहीं था उसके किसी भी सवाल का जवाब इसी कारण मै मौन था ...

मेरा परिचय

  • नाम : गिरिराज जोशी
  • ठिकाना : नागौर, राजस्थान, India
  • एक खण्डहर जो अब साहित्यिक ईंटो से पूर्ननिर्मित हो रहा है...
मेरी प्रोफाईल

पूर्व संकलन

'कवि अकेला' समुह

'हिन्दी-कविता' समुह

धन्यवाद

यह चिट्ठा गिरिराज जोशी "कविराज" द्वारा तैयार किया गया है। ब्लोगर डोट कोम का धन्यवाद जिसकी सहायता से यह संभव हो पाया।
प्रसिद्धी सूचकांक :