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मेरा भारत महान है ...

दिल दरिया, आँख समन्दर है होठ प्यासे पंहुच से दूर है ... ठोकर पे जहाँ, हाथ में कृपाण हसीं अदाऎ, गरदन पे तलवार है ... रात अंधेरी, घनी जुल्फों का साया अंधा नौजवान, उजाले की तलास है ... खुबसुरत गाल, मनमोहनी मुस्कान पागल दीवाने, मरने को बेकरार है ... मटकती कमरिया, मदहोश चाल गांधी का देश, गौधो का तबेला है ... मुँह मे पाउच, आसमान मे छल्ला सिगरेट;तम्बाकु, जैब मे जहान है ... ठेके की दुकान, हर एक विद्वान चिल्लाके कहता, दुश्मन पाकिस्तान है ... नारी, मदिरा, सिगरेट, तम्बाकु भारतिय नर, बहुत बुरा हाल है ... गन्ने कि दुकान, बातो में मिठास चिपका जोंक, नमक की दरकार है ... पुरूष-नशा, नारी-दुर्दशा, बच्चे-पैमाने बिकती लड़कियाँ, मेरा भारत महान है ...

nice....

Wah Giriraj ji .. man gaye aapko .. kya sudhh hindi ka prayog karte hian aap.

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मेरा परिचय

  • नाम : गिरिराज जोशी
  • ठिकाना : नागौर, राजस्थान, India
  • एक खण्डहर जो अब साहित्यिक ईंटो से पूर्ननिर्मित हो रहा है...
मेरी प्रोफाईल

पूर्व संकलन

'कवि अकेला' समुह

'हिन्दी-कविता' समुह

धन्यवाद

यह चिट्ठा गिरिराज जोशी "कविराज" द्वारा तैयार किया गया है। ब्लोगर डोट कोम का धन्यवाद जिसकी सहायता से यह संभव हो पाया।
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