« मुख्य पृष्ठ | गज़ल » | मां का प्यार » | शत-शत नमन! »

विरोधाभास...

(१)
कविताऎं लिखना कौन चाहता है...
कलम को घिसाना कौन चाहता है...
महफ़िल में मुस्कुराना पड्‍ता है यहां...
वरना कागज़ को भिगोना कौन चाहता है...
हर पल को रखा हमने डायरी मे संजोके...
वरना "कविराज" कहलाना कौन चाहता है...
(२)
कविताऎं लिखना कौन नहीं चाहता...
कलम को घिसाना कौन नही चाहता...
खुशी के पल है यहां सिर्फ़ चार
उन्हे संजोके रखना कौन नहीं चाहता...
हर दिल मे होती है उमंगो की कुश्ती
फ़िर "कविराज" कहलाना कौन नहीं चाहता...

मेरा परिचय

  • नाम : गिरिराज जोशी
  • ठिकाना : नागौर, राजस्थान, India
  • एक खण्डहर जो अब साहित्यिक ईंटो से पूर्ननिर्मित हो रहा है...
मेरी प्रोफाईल

पूर्व रचनाऎं

पूर्व संकलन

'कवि अकेला' समुह

'हिन्दी-कविता' समुह

धन्यवाद

यह चिट्ठा गिरिराज जोशी "कविराज" द्वारा तैयार किया गया है। ब्लोगर डोट कोम का धन्यवाद जिसकी सहायता से यह संभव हो पाया।
प्रसिद्धी सूचकांक :