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पाँच शेर - भाग २

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पहले दो शेर प्रसंशनिय हैं.

आपने तो आते ही ५ शेर मार लिए
अच्छे शेर हैं पर त्रिवेणी कब निकलेगी।

त्रिवेणी की मांग मैं भी करता हूं, कविराज!

कोई बात नही गिरिराज भाई अकसर तकनीकी हालात सबके साथ पेश आते हैं।
मुझे तो सभी शेर पसंद आए (ये मज़ाक नही)

पत्थर से आदमी के ये रिश्ते अजीब हैं
ठोकर किसी ने मारी , कोई जल चढ़ा गया

क्‍या अर्ज किया है। वाह

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मेरा परिचय

  • नाम : गिरिराज जोशी
  • ठिकाना : नागौर, राजस्थान, India
  • एक खण्डहर जो अब साहित्यिक ईंटो से पूर्ननिर्मित हो रहा है...
मेरी प्रोफाईल

पूर्व संकलन

'कवि अकेला' समुह

'हिन्दी-कविता' समुह

धन्यवाद

यह चिट्ठा गिरिराज जोशी "कविराज" द्वारा तैयार किया गया है। ब्लोगर डोट कोम का धन्यवाद जिसकी सहायता से यह संभव हो पाया।
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