दिवाली आने वाली है ॰॰॰
माँ ऐ माँ देख पिछली दिवाली पर काँट-छाँट कर मालिक की उतरन से जो तुमने पेन्ट सिलवाई थी अब घुटनें बाहर झांकने लगे है ॰॰॰ माँ तुम चिन्ता मत करो मैने दर्जी से बात कर ली है दो चड्डियाँ सिल देगा गुल्लु के लिए माँ मैने सुना है फिर से दिवाली आने वाली है ॰॰॰ ऐ माँ मालिक को बोल ना पिछली बार की तरह कोई उतरन ॰॰॰॰
बढिया है.
- पà¥à¤°à¥à¤·à¤ अनूप शुक्ल | 10/13/2006 12:07:00 pm
अच्छा लगा पढ़कर।
- पà¥à¤°à¥à¤·à¤ bhuvnesh sharma | 10/13/2006 05:25:00 pm
अच्छा लिखा है.
- पà¥à¤°à¥à¤·à¤ Udan Tashtari | 10/13/2006 05:54:00 pm
है भगवान
क्या इसकी हर दीवाली इसी तरह गुजरेगी ?
बहुत सुन्दर कविराज
- पà¥à¤°à¥à¤·à¤ Sagar Chand Nahar | 10/13/2006 06:03:00 pm
अच्छी है ...
- पà¥à¤°à¥à¤·à¤ अनूप भार्गव | 10/14/2006 07:17:00 pm
एक मार्मिक रचना।
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मेरे blogपर आपका स्वागत है,
www.yuvaam.blogspot.com
- पà¥à¤°à¥à¤·à¤ गुरप्रीत सिंह | 7/22/2014 02:41:00 pm