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क्या मालूम कल हो ना हो?

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कविराज ये क्या कॉपी पेस्ट का धंधा शुरू कर दिये
कुछ मौलिक और फ़्रेश लाईये वैसे अब त्रिवेणी क्या है ये तो समझ में आ गया होगा समीरलाल जी के ब्लॉग को पढ़कर
जल्दी से आप भी कुछ लिख डालिए

मजा नहीं आया कविराज।
यह तो ऐसा लग रहा है मानो पाब्लो पिकासो सड़क के किनारे बैठ कर छत्री पर नाम लिखने का व्यवसाय कर रहा हो।

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मेरा परिचय

  • नाम : गिरिराज जोशी
  • ठिकाना : नागौर, राजस्थान, India
  • एक खण्डहर जो अब साहित्यिक ईंटो से पूर्ननिर्मित हो रहा है...
मेरी प्रोफाईल

पूर्व संकलन

'कवि अकेला' समुह

'हिन्दी-कविता' समुह

धन्यवाद

यह चिट्ठा गिरिराज जोशी "कविराज" द्वारा तैयार किया गया है। ब्लोगर डोट कोम का धन्यवाद जिसकी सहायता से यह संभव हो पाया।
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