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पाँच शेर - प्रथम भाग

दोस्तों मैं अब तक करीब १०० शेर लिख चुका हूँ और उम्मीद करता हूँ इनमें से अधिकतर आप सभी को पसंद आयेंगे।
हो सके तो लौट आना फिर अपने शहर में
दो निगाहें अपलक है आज भी इंतजार में
हमने गुजार दी ताउम्र जिनकों समझने में
वो कहते है नहीं कोई सुलझा हुआ हमसा ॰॰॰
आप उठकर गये तो लगा अंधा हो गया हूँ
अंधेरे में बैठा हूँ गुमान ही न था !!!
हम ही ना समझ पाए अब तक अपने यार को
ताली बजा के वो कहता है हम अच्छे नहीं शायर ॰॰॰
हम लगे थे गिनने अपनी-अपनी धड़कने ॰॰॰
गिनती चलती रही ॰॰॰ धड़कने बढ़ती रही ॰॰॰
जारी ॰॰॰

पांच बार वाह वाह वाह वाह वाह :-)

अंतिम वाला दाद माँग जाता हैं. वाह..वाह..
शेर-ओ-शायरी के नियम कायदे ध्यान में हो तो जरूर बताएं.

जनाब गिरिजाराज जोशी साहब,

आपको १०० से ज़्यादा शेर लिखने पर दिली मुबारकबाद !

मलाम दिल मे किसी दर्द का नही रखना
कोई बुरा जो कहे दिल बुरा नही रखना ।
ये दुश्मनी तो बहुत फ़ास्ले बढा देगी
हमारे बाद किसी से गिला नही रखना ।

जनाब गिरिजाराज जोशी साहब,

आपको १०० से ज़्यादा शेर लिखने पर दिली मुबारकबाद !

मलाम दिल मे किसी दर्द का नही रखना
कोई बुरा जो कहे दिल बुरा नही रखना ।
ये दुश्मनी तो बहुत फ़ास्ले बढा देगी
हमारे बाद किसी से गिला नही रखना ।

अली

जनाब गिरिजाराज जोशी साहब,

आपको १०० से ज़्यादा शेर लिखने पर दिली मुबारकबाद !

मलाल दिल मे किसी दर्द का नही रखना
कोई बुरा जो कहे दिल बुरा नही रखना ।
ये दुश्मनी तो बहुत फ़ास्ले बढा देगी
हमारे बाद किसी से गिला नही रखना ।

अली

जनाब गिरिजाराज जोशी साहब,

आपको १०० से ज़्यादा शेर लिखने पर दिली मुबारकबाद !

मलाल दिल मे किसी दर्द का नही रखना
कोई बुरा जो कहे दिल बुरा नही रखना ।
ये दुश्मनी तो बहुत फ़ास्ले बढा देगी
हमारे बाद किसी से गिला नही रखना ।

अली

आपके शेर काफी खूखार है, ऐसे खूखार शेरो को मै भी पंसद करता हूं।

बहुत सुन्‍दर ।

हम लगे थे गिनने अपनी-अपनी धड़कने ॰॰॰
गिनती चलती रही ॰॰॰ धड़कने बढ़ती रही ॰॰॰

सुंदर!

प्रमेन्द्र जी की टिप्पणी भी बड़ी मजेदार है1 :-)

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मेरा परिचय

  • नाम : गिरिराज जोशी
  • ठिकाना : नागौर, राजस्थान, India
  • एक खण्डहर जो अब साहित्यिक ईंटो से पूर्ननिर्मित हो रहा है...
मेरी प्रोफाईल

पूर्व संकलन

'कवि अकेला' समुह

'हिन्दी-कविता' समुह

धन्यवाद

यह चिट्ठा गिरिराज जोशी "कविराज" द्वारा तैयार किया गया है। ब्लोगर डोट कोम का धन्यवाद जिसकी सहायता से यह संभव हो पाया।
प्रसिद्धी सूचकांक :